अलीगढ (आतिफ उर रहमान ): दशकों पुरानी परंपरा के तहत राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. नुमाइश में तरह-तरह के स्टॉल लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. लेकिन, यहां बरेली का सुरमा लोगों को खूब पसंद आ रहा है.
डिजिटल होती दुनिया की वजह से लोग अब दिन का ज्यादातर वक्त मोबाइल फोन देखते हुए ही व्यतीत कर रहे हैं. ऐसे में आंखों पर लगातार प्रेशर पड़ रहा है. ऐसी हालत में सुरमा आंखों के लिए एक नेमत है. यही वजह है कि बरेली का सुरमा जब भी अलीगढ़ की नुमाइश में आता है तब लोग इसे हाथों-हाथ लेते हैं. अपने आंखों की देखभाल करने के लिए जरूरी है कि लोग सुरमा लगाए, और सुरमा अगर बरेली का हो तो फिर क्या कहने.
लोग खूब दिलचस्पी लेकर खरीद रहे हैं सूरमा
अलीगढ़ महोत्सव में इस बार भी बरेली का सुरमा हाथों-हाथ बिक रहा है. सुरमा बेचने वाले मोहम्मद अम्मान खान बताते हैं कि हमरी यह दुकान पिछले 40 साल से इस अलीगढ़ की नुमाइश मे लगाते आरहे है मोबाइल के दौर में लोगों की आंखें ज्यादा प्रभावित हो रही हैं. ऐसे में आंखों की गिरती हुई रोशनी को बचाने के लिए जरूरी है कि हमलोग अपनी आंखों में सुरमा लगाएं और उसकी हिफाजत करें. उन्होंने कहा कि यह सुरमा गिरती हुई नज़र वाले लोगों के काम आता है. जिनको चश्मा लगा हुआ है यह उनका चश्मा उतारने के काम आता है. जिन लोगों को आंखें कमजोर हो गई है, उनके यह बहुत काम आता है, और अगर मोतियाबिंद हो गया हो तो उसको भी ठीक करता है.
मोहम्मद अम्मान खान ने कहा कि सुरमा को बच्चे इस्तेमाल नहीं कर सकते. जिन लोगों की 30 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र है, और वो चश्मा लगाते हैं तो सिर्फ वही लोग इस सुरमे को इस्तेमाल कर सकते हैं. यह लोगों को बहुत फायदा देता है. जो लोग मोबाइल ज्यादा चलाते हैं, अखबार पढ़ने का शौक रखते हैं उनके लिए यह सुरमा बहुत फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर आपने देखा होगा कि लोगों को अगर 2 नंबर का चश्मा लगा है तो वो आने वाले दिनों में 2:15 हो जाता है. लेकिन, इस सुरमा को लगाने से 2 नंबर का चश्मा उतर कर 1:5 हो जाएगा. इतना ही नहीं, धीरे-धीरे सुरमा आपके आंखों से चश्मा बिल्कुल उतार कर आंखें सही कर देगा.हमारे यहाँ 60 रूपये से लेकर 250 रूपए तक का सुरमा मौजूद है