शहजादा हुसैन बुरहानुद्दीन ने एएमयू में ‘हिज होलीनेस सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी’ की आधारशिला रखी

shabddigital
0


 अलीगढ (शब्द डेस्क ): शहजादा हुसैन बुरहानुद्दीन ने एएमयू में हिज होलीनेस सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी की आधारशिला रखी

53वें दाई अल-मुतलक और दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर हिज होलीनेस सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के तीसरे और सबसे छोटे बेटेशहजादा हुसैन बुरहानुद्दीन साहब ने आज एएमयू के छात्रों और शिक्षकों से आग्रह किया कि वह अपने शैक्षणिक कार्य के दौरान तफक्कुर (चिंतन) करें और ब्रह्मांड की उत्पत्ति पर विचार करें।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपने देश और पूरी मानवता की सेवा के लिए ज्ञान के द्वीप का उपयोग करना ही सच्ची सेवा है।

शहजादा बुरहानुद्दीन परम पावन सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी’ के कैनाडी सभागार में आयोजित औपचारिक शिलान्यास समारोह में शिक्षकों और छात्रों को संबोधित कर रहे थेजिसका निर्माण सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन द्वारा दान किए गए अनुदान से किला रोड पर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मनुष्य को बिना किसी उद्देश्य के नहीं बनाया गया हैबल्कि बड़े उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मनुष्य को सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ बनाया गया है। हम जो भी कार्य करें उसमें सदैव सर्वश्रेष्ठ बनने का प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सभी शोधों और अध्ययनों का उद्देश्य मानवता को लाभ पहुंचाना होना चाहिए और यदि कोई ज्ञान समाज के लिए फायदेमंद नहीं हैतो फिर यह किसी काम का नहीं है। एक शोधकर्ता के लिए यह अनिवार्य है कि वह बीमारियों के उपचार खोजने के लिए बुद्धिज्ञान और तर्क का उपयोग करेऔर साथ ही अल्लाह के आशीर्वाद पर विश्वास रखे।

उन्होंने कहा कि अल्लाह ने बिना इलाज के कोई भी बीमारी पैदा नहीं की हैलेकिन इसका इलाज ढूंढना और उसे बीमारों के लिए उपलब्ध कराना शोधकर्ताओं का काम है।

चरित्र निर्माण के महत्व पर जोर देते हुए और सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन का संदेश देते हुए शहजादा हुसैन ने विश्वविद्यालय बिरादरी से समाज के अन्य वर्गों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाने और हमेशा मानवीय और मैत्रीपूर्ण दृष्टिकोण के साथ उनसे व्यवहार करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि इस्लाम ने हमें अपने देश के प्रति सच्चा और वफादार रहने और उच्च स्तर की देशभक्ति के साथ इसकी सेवा करने का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि एएमयू में परम पावन सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी’ की अत्याधुनिक इमारत का निर्माण सैयदना परिवार और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बीच दशकों पुराने रिश्ते में एक और मील का पत्थर हैऔर यह संस्थान मानवता की सेवा करेगा।

अपने अध्यक्षीय भाषण मेंकुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने कहा कि यह एएमयू के लिए एक ऐतिहासिक दिन है कि दाऊदी बोहरा समुदाय के आध्यात्मिक प्रमुखदाई अल-मुतलक हिज होलीनेस सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने फार्मेसी संस्थान के लिए बहुत दयालुतापूर्वक सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस कदम से सैयदना परिवार और एएमयू के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं।

उन्होंने कहा कि यह एएमयू द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रमों की सूची में एक और बड़ा इजाफा होगाऔर छात्रों को फार्मेसी संस्थान से बहुत लाभ होगा।

प्रोफेसर गुलरेज ने एएमयू को हमेशा संरक्षण देने और कोविड-19 के संघर्ष के दौरान सहायता देने के लिए सैयदना को दिल से धन्यवाद दियाजिससे कोविड रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा सकीं।

इससे पूर्वविशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हुएएएमयू रजिस्ट्रारश्री मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय फार्मेसी संस्थान की निर्माण परियोजना को शुरू करने के लिए सैयदना का आभारी है,जो विश्व स्तरीय निर्माण का प्रतीक होगा जिसके लिए दाऊदी बोहरा समुदाय जाना जाता है।

उन्होंने पिछले तीन दाई अल-मुतलकसैयदना ताहेर सैफुद्दीनसैयदना बुरहानुद्दीन और सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की विरासत पर प्रकाश डालाजिन्होंने एएमयू के चांसलर का पद संभाला और जिन्होंने 1950 से शुरू होने वाले दशकों में विश्वविद्यालय के प्रति उच्च स्तर की उदारता का प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय को संरक्षण प्रदान किया।

डॉ. रजा अब्बास ने दाई अल-मुतलक सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के पारिवारिक इतिहास के बारे में विस्तार से बताया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विकास में उनकी भूमिका का विशेष उल्लेख किया।

यूनिवर्सिटी इंजीनियर प्रोफेसर नदीम खलील ने इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी प्रोजेक्ट पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित फार्मेसी संस्थान लगभग 58 हजार तीन सौ वर्ग फुट के कुल कवर क्षेत्र के साथ 3 एकड़ में बनाया जाना है। यह एक दो मंजिला इमारत होगी जहां आधुनिकफातेमी और एएमयू वास्तुकला के नमूनों के साथ आधुनिक शिक्षण अनुसंधान सुविधाएं और अनुकूल स्थान होंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में विस्तार की गुंजाइश योजना में अंतर्निहित है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह संस्थान स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही व्यावसायिक पाठ्यक्रम की मांग को पूरा करेगा और एएमयू द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा की श्रृंखला को पूरा करेगा।

ज्ञात हो कि एएमयू में पहले से ही आधुनिक चिकित्सायूनानी चिकित्सादंत चिकित्सानर्सिंग और पैरामेडिकल के प्रमुख कॉलेज कार्यरत हैं।

इस अवसर पर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन फाउंडेशन और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बीच इंस्टिट्यूट से सम्बंधित एक मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन पर भी हस्ताक्षर किये गये।

धन्यवाद प्रस्ताव में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन प्रोफेसर मोहम्मद अल्तमश सिद्दीकी ने फार्मेसी संस्थान के लिए उनके उदार दान के लिए सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन कल्चरल एजूकेशन सेंटर के समन्वयक प्रोफेसर एफएस शीरानी ने किया।

इससे पूर्व सुबह के समयशहजादा हुसैन बुरहानुद्दीन ने श्री कुसेय जमालुद्दीन भाईसाहबकुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेजरजिस्ट्रारश्री मोहम्मद इमरानडीनइंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय प्रोफेसर मोहम्मद अल्तमश सिद्दीकीप्रिंसिपलजाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजीप्रोफेसर एम.एम. सूफियान बेगप्रॉक्टर प्रोफेसर एम. वसीम अलीयूनिवर्सिटी इंजीनियर प्रोफेसर नदीम खलील और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति मेंकिला रोड स्थित साइट पर फार्मेसी संस्थान की आधारशिला रखी।

शहजादा बुरहानउद्दीन सर सैयद के मजार पर भी गये जहां उन्होंने फातेहा पढ़ी और जामा मस्जिद तथा स्ट्रेची हाल को देखा। उन्होंने एसटीएस स्कूल का भी दौरा किया और स्कूल की भव्य इमारतलाइब्रेरी आदि को भी देखा।

Tags

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)