अलीगढ (आतिफ उर रहमान ): रमजान का पवित्र माह चल रहा है और ईद भी नज़दीक है ऐसे मे देशभर में ईद की त्यारियां ज़ोरो पर हैँ दुनिया भर मे ईद का त्यौहार धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है. ईद के मौके पर सेवई का खास महत्व होता है. यही वजह है कि इस दिन कई तरह से स्वादिष्ट सेवई को तैयार किया जाता है. मुस्लिम घरों में इस खास मौके पर दूध वाली सेवई के साथ ही किमामी सेवई बनाने का भी प्रचलन है. इस खास डिश को तैयार करना आसान होने के साथ ही ये स्वाद में भी भरपूर होती है. इस बार ईद के मौके पर अगर आप भी अपनों का मुंह किमामी सेवई से मीठा करना चाहते हैँ तो बाज़ार मे कीमामी सेवई मौजूद हैँ.ईद के मोके पर इन किमामी सेवाइयों की डिमांड काफ़ी होती है.
कीमामी सेवई से बढ़ेगी ईद की लज़्ज़त
जानकारी देते हुए सेवइयां बेचने वाले दुकानदार मोहम्मद रफीक बताते हैं कि हमारे यहां कई तरह की सेवइयां हैं जिसमें शीर वाली सेवई, बनारसी सेवई और किमामी सेवइयां हैँ. इनमें से सबसे ज्यादा बनारसी किमामी सेवइयां बिकती हैं. इनकी ईद के मौके पर खास डिमांड रहती है. यह सेवइयां जर्दे की तरह सुखी बनती हैं. इसके बाद इसमें दूध खोवा और मेवा डालकर बनाया जाता है. यह किमामी सेवइयां बाहर से आती हैं. इन्हें सूजी और मैदा से मिलकर मशीनों द्वारा तैयार किया जाता है. देखने में यह सेवइयां बहुत बारीक होती हैं. यह इलाहाबाद और बनारस में बनती हैं वहीं से पूरे देश में और विदेश में भेजी जाती हैं. यह किमाम की तरह बेहद बारीक होती हैं. इसलिए इन्हें किमामी सेवइयां कहा जाता है. इनकी कीमत ₹120 किलो है. इन किमामी सेवाइयों को अलीगढ़ के अलावा बाहर से आए लोग दुबई, सऊदी जैसे देशों तक खरीद कर ले जाते हैं. यह खाने में बेहद स्वादिष्ट होती हैं और ईद पर यह बेनजीर तोहफा माना जाता है और ईद पर सेवइयां पकाकर खाना इस्लाम मे सुन्नत भी माना जाता है. मुस्लिम समुदाय में ईद के मौके पर सेवइयां स्पेशल डिश मानी जाती है. मुस्लिम समुदाय के लोगों में सेवइयां खाना एक खुशी का माहौल पैदा करता है. क्योंकि यह मीठी ईद होती है इसलिए इस ईद पर मुस्लिम घरों में मीठा के तोर पर यह सेवाइयां बनती है. इन सेवाइयों की खास बात यह भी है कि 11 महीने तक यह सेवइयां तैयार की जाती हैं और रमजान से ईद तक के एक महीने में यह सारी सेवइयां बिक जाती है. ईद के मौके पर सेवइयां स्पेशल डिश मानी जाती है. और इस बार भी हमें अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.
