अलीगढ : मांगे नही मानी तो आंदोलन को मजबूर होगा कैमिस्ट-शैलेन्द्र सिंह टिल्लू

shabddigital
0


 अलीगढ (शब्द डेस्क ): जिला अलीगढ कैमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एससोसिएशन की बैठक फफला दवा बाजार में कैम्प कार्यलय वृन्दा मेडिकल पर आयोजित हुई  जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह टिल्लू ने की जिसमे देश व प्रदेश के कैमिस्ट को आ रही समस्याओं पर चर्चा करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी

अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह टिल्लू  ने बताया कि

कोविड-19 महामारी के दौरान घर-घर दवाइयां पहुंचाने की विशेष अनुमति, जिसका अवैधऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है, जन स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रही है,को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए,एआईओसीडी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया।

आल इंडिया आर्गेनाईजेशन ऑफ़ केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट (एआईओसीडी), और ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन  जो कि उत्तर प्रदेश और पूरे भारत में सभी 12.40 लाख केमिस्ट एवं वितरकों का प्रतिनिधित्व करता है,ने तीसरी बार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर कोविड-19 महामारी के दौरान जारी अधिसूचना जीएसआर 220 (ई) को रद्द करने की अपील की है।

महामंत्री आलोक गुप्ता ने कहा कि

यह अधिसूचना जीएसआर 220 (ई) कोविड महामारी के दौरान मार्च 2020 में प्रकाशित की गई थी, जिसमें दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण को विनियमित करने के लिए औषधि अधिनियमकी धारा 26बी के तहत कुछ शर्तों के साथ आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया था, और इसके तहत घर-घर दवाइयों की आपूर्ति की अनुमति दी गई थी और कुछ नियमों, जैसे दवाओं की बिक्री के लिए प्रिस्क्रिप्शन पर मुहर लगाने की आवश्यकता (नियम 65) को अस्थायी रूप से केवल विशेष परिस्थितियों के अमल में लाने से अलग रखा गया था ।

जिला अलीगढ़ कैमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एससोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह टिल्लू व महामंत्री आलोक गुप्ता ने कहा कि इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय दवा विक्रेताओं के माध्यम से आपातकालीन स्थितियों में दवाओं की डिलीवरी करना था, लेकिन अब स्विगी और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मस द्वारा आवश्यक नियामक सुरक्षा उपायों का पालन किए बिना घर पर दवाएं पहुंचाने के लिए इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। ये सभी अवैध प्लेटफॉर्म बिना किसी वैध प्रिस्क्रिप्शन के दवाएं विक्रय कर रहे हैं, जिससे स्व-चिकित्सा, नशीली दवाओं का दुरुपयोग और रोगाणुरोधी प्रतिरोध ( एएमआर) जैसी गंभीर समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं। ऐसे सभी अवैध प्लेटफॉर्म मरीजों की सुरक्षा को नजरअंदाज करके केवल अपने मुनाफे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ कैमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट और ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ कैमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट उत्तर प्रदेश  ने कहा है कि इस अधिसूचना का मूल उद्देश्य विशिष्ट परिस्थितियों में वैध लाइसेंस प्राप्त नजदीकी दवा विक्रेताओं के लिए दवाओं की डिलीवरी करना था - न कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के द्वारा महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों को दरकिनार करना। ये सभीऑनलाइन प्लेटफॉर्म अपनी सुविधा के लिए दवा वितरण के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिसकाआम जनता के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

एआईओसीडी की मांग है कि:

* महामारी का आपातकालीन चरण बहुत पहले ही समाप्त हो चुका है और अब देश में सामान्य स्थिति लौटआई है, इसलिए यह अधिसूचना अब प्रासंगिक नहीं है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।

* दवाओं की बिक्री और वितरण के लिए प्रिस्क्रिप्शन और अन्य सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

* देश में दवाओं की अवैध ऑनलाइन बिक्री को तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए ताकि दवाओंकी अनियमित बिक्री को रोका जा सके।

एआईओसीडी और ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश का मानना ​​है कि जन स्वास्थ्य और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सरकार का कदम जरूरी है। अगर सरकार इस हेतु सकारात्मक कार्यवाही नहीं करती है तो एआईओसीडी अपने सभी 12.40 लाख सदस्यों के साथ आंदोलन करने को मजबूर होगी।

बैठक में कोषाध्यक्ष शिव शंकर शर्मा,चेयरमैन राजीव जैन,संगठन मंत्री शफकत अली,उपाध्यक्ष आमिर आबिद ,आदि मौजूद रहे 

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)