अलीगढ (शब्द डेस्क ): उर्दू के मशहूर साहित्यकार एवं समाज सेवी एम० हबीब खों की जयान्ती के उपलक्ष्य में एक गोष्टी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रो० सगीर इफराहीम पूर्व अध्यक्ष शोभाए उर्दू अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने की तथा संचालन मौ० खुर्शीद खॉ ने किया इस अवसर पर एम० हबीब खाँ के जीवन के कार्यों की चर्चा प्रो० सगीर इफराहीम ने करते हुये कहा कि हबीब खाँ जैसा शक्स जो कि बिना किसी लालच लोगों के कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिये करते थे, उनके इन कामों को हमेशा याद रखा जायेगा, उन्हे हिन्दुस्तान ही नहीं हिन्दुस्तान के बाहर भी अदबी प्रोग्रामों में बुलाया जाता था और एवार्डों भी दिये जाते थे। इस संस्था के बेनर तले इंदिरा गांधी की पहली पुणतिथि 1985 पर राष्ट्रपति भवन के अशोकाहाल में एक कवि सम्मेलन कराया गया, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह ने ।
इस कवि सम्मेलन में अलीगढ़ के लगभग एक दर्जन शायरों को ले जाकर उनकी कविताए पढ़ने के अवसर दिलवाया। हमदर्द नगर नाम का उद्घाटन बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री डॉ० जगन्नाथ मिश्रा को लाकर कराया और हमदर्द नगर हृबीह्न पेट्रोल पम्प के निकट वाला सी० सी० रोड सांसद निदी द्वारा निर्माण कराकर उनकी मृत्यु के बाद इलाके के लोगों ने उनके नाम पर नगर निगम के संदन में पारित कराकर रोड का नाम हबीब खॉ रोड रखवाया। उनकी धनिष्टता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल, पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह और पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह, कुलदीप नय्यर, फारूख अब्दुल्ला आदि से निकटता होने के कारण अलीगढ़ के लोगों को गैस व टेलीफोन के कनेक्कशन उस वक्त लोगों को दिलवाये जब एम०पी० के कोटे में पाँच टेलीफोन और पाँच गैस के कनेक्कशन हुआ करते थे। उनके अद्भुत कार्यों को हमेशा याद किया जाता रहेगा