अलीगढ (शब्द डेस्क ): अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(एएमयू) प्रशासन ने आज कुलपति प्रो. नइमा खातूनके नेतृत्व में आंदोलनकारी छात्रों के प्रतिनिधियों केसाथ बैठक की। यह बैठक सौहार्दपूर्ण और रचनात्मकमाहौल में हुई, जिसका उद्देश्य छात्रों की समस्याओंका समाधान करना था।
बैठक में कुलपति ने छात्रों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों कोध्यानपूर्वक सुना। उनकी शंकाओं और प्रश्नों का उत्तरदिया गया तथा उनकी मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक के मिनट्स के अनुसार, यह निर्णय लिया गयाकि एएमयू छात्रसंघ चुनाव विषम सेमेस्टर कीपरीक्षाओं के बाद और दिसंबर 2025 की शीतकालीनछुट्टियों से पहले कराए जाएंगे।
फीस वृद्धि के मुद्दे पर प्रशासन ने दोहराया किअकादमिक काउंसिल पहले ही यह तय कर चुकी हैकि कंटीन्यूइंग छात्रों की फीस वृद्धि 20 प्रतिशत सेअधिक नहीं होगी। कुलपति ने आश्वस्त किया किकिसी भी छात्र को आर्थिक कठिनाई के कारण शिक्षासे वंचित नहीं होना पड़ेगा। ज़रूरतमंद और आर्थिकरूप से कमजोर छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी जो सहायता केतौर-तरीकों का सुझाव देगी। विश्वविद्यालय द्वाराविस्तृत फीस संरचना सार्वजनिक की जाएगी औरआवश्यकतानुसार फीस जमा करने की अंतिम तिथिबढ़ाई जाएगी।
कुलपति ने यह भी कहा कि उपस्थिति या अन्य कारणोंसे रोके गए छात्रों के मामले व्यक्तिगत रूप से देखेजाएंगे और ज़रूरत पड़ने पर जल्द हल किए जाएंगे।हाल ही में विरोध प्रदर्शन के दौरान निलंबित छात्रों केमामले भी एक सप्ताह के भीतर अनुशासन समिति कीबैठक में प्राथमिकता से लिए जाएंगे।
बैठक के अंत में छात्र प्रतिनिधियों ने संतोष व्यक्तकिया और बाब-ए-सैयद पर घोषणा की कि वे वार्तासे संतुष्ट हैं। इसके बाद कुलपति के नेतृत्व मेंप्रशासनिक टीम धरना स्थल पर पहुँची। प्रो. नइमाखातून ने भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों को स्वयं जूसपिलाकर सद्भावना और अपनत्व का संदेश दिया।इसके उपरांत छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्तकरने की घोषणा की।
विश्वविद्यालय द्वारा उठाया गया यह कदम यह दर्शाताहै कि विश्वविद्यालय छात्रों से खुला संवाद बनाएरखने, उनकी चिंताओं का समय पर समाधान करनेऔर शांतिपूर्ण एवं सहयोगपूर्ण शैक्षिक वातावरण कोबढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।