AMU News :अली दिवस’ के उपलक्ष्य में दुर्लभ पांडुलिपियों और पुस्तकों की प्रदर्शनी का उद्घाटन

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अलीगढ़ (शब्द  डेस्क ):अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी व अली सोसाइटी’ द्वारा मनाये जानेवाले अली दिवस’ के तहत मौलाना आजाद लाइब्रेरी में दुर्लभ पांडुलिपियों और पुस्तकों की एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। 25 जनवरी को इस कार्यक्रम का उद्घाटन एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने किया।

प्रदर्शनी में ऐतिहासिक कलाकृतियों का खजाना प्रदर्शित किया गयाजिसमें नहज-अल-बालागा की 900 साल पुरानी प्रतिहज़रत अली के भाषणों और सूक्तियों का संग्रह शामिल हैजो उपमहाद्वीप में सबसे पुरानी मौजूद प्रति है। प्रोफेसर गुलरेज़ ने विभिन्न हस्तलिखित पांडुलिपियों और पवित्र कुरान की विविध प्रतियों का निरीक्षण किया। यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन प्रोफेसर निशात फातिमा और ओरिएंटल सेक्शन के प्रभारी डॉ. टीएस असगर ने कुलपति को प्रदर्शित पांडुलिपियों के ऐतिहासिक और शैक्षणिक महत्व के बारे में जानकारी दी।

प्रदर्शित दुर्लभ वस्तुओं में क़सिदा-ए-हाफ़िज’ शामिल हैजो हज़रत अली की प्रशंसा में लिखित एक कविता हैजिसे ख़त-ए-नाख़ून की अनूठी शैली में नुकीले नाखूनों से जटिल रूप से लिखा गया है। प्रदर्शनी में पवित्र कुरान का एक टुकड़ा भी शामिल हैजिसके बारे में माना जाता है कि इसे हज़रत अली ने चर्मपत्र पर कुफि शैली में हाथ से लिखा था। हज़रत अली के जीवन और गुणों का वर्णन करने वाली विभिन्न भाषाओं की किताबेंसाथ ही पांडुलिपियों को सजाने के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के चमड़े के कवरप्रदर्शन की समृद्धि को बढ़ाते हैं।

कार्यक्रम में प्रोफेसर आबिद ए खान (अध्यक्षअली सोसायटी)एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अलीप्रोफेसर अली नवाज जैदी (डिप्टी प्रॉक्टर)श्री उमर एस पीरजादा (पीआरओएएमयू) डॉ. जाफर आबिदीप्रो. परवेज़ क्यू रिज़वीडॉ. हुसैन हैदरप्रो. तैय्यब रज़ाप्रो. तौकीर आलमडॉ. रज़ा अब्बाससुश्री ग़ज़ाला तनवीर और डॉ. हैदर हुसैनी के अतिरिक्तकई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए

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