अलीगढ (आतिफ उर रहमान खान ) एक नज़र
मौलाना नवाब सदर यार जंग हबीब उर रहमान खान साहब , देश की इल्म को समर्पित बड़ी शख्सियत थे , ओसमानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद के पहले वाइस चांसलर रहे ,
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पहले बड़े डोनर्स में थे , अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के थियोलॉजी डिपार्टमेंट के पहले ऑनरेरी ( बगैर किसी तनख्वाह के ) डीन और पहले डी लिट थे !
दारुल मुसन्निफ़ीन - आजम गढ़ , आपके दिए हुए चंदे से ही वजूद में आया - नदवतुल उलमा , लखनऊ के सबसे बड़े डोनर थे !
आपकी तक़रीबन 30 किताबें हैं , जो के धार्मिक संस्थाओं में पढ़ाई जाती हैं !
आप फ़ारसी के शायर भी थे !
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद साहब ने जो आपके नाम , अहमद नगर जेल से , ख़त लिखे हैं - वह ग़ुबार ए ख़ातिर के नाम से किताब है !
आपकी बेशक़ीमती लाइब्रेरी , हबीबगंज कलेक्शन के नाम से आपके नामवर साहबज़ादे और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और गांधी आई हॉस्पिटल समेत , कई संस्थाओं के , ख़ुद एक बहुत बड़े दान दाता - नवाब उबैदुर रहमान ख़ान शेरवानी साहब ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को दान कर दिया था !
प्रो. मदीह उर रहमान सुहैब साहब , मरहूम सदर यार जंग साहब के परपौत्र हैं !