वो 'लाल किला' हमारी विरासत है।

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 नई दिल्ली (शब्द मीडिया डेस्क )

वो 'लाल किला' हमारी विरासत है। उस विरासत को एक मुस्लिम मुग़ल बादशाह 'शाहजहां' ने बनवाया था। इसको डिज़ाइन किया था एक मुस्लिम 'उस्ताद अहमद लाहौरी' ने।


इस किले के अंदर एक मस्जिद भी  जिसका नाम है 'मोती मस्जिद' और यहां मुस्लिम नमाज़ पढ़ते हैं। ये वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है। लाल किले की वास्तुशिल्प में मुगल, फारसी शैली का मिश्रण है। 


भारत मे रह रहे मुखबिरों और अंग्रेजों को धूल चटा कर जब 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ तो शाहजहाँ के बनाए इस महल पर पंडित नेहरू ने तिरंगा लहराया और देश के लोगों को पहली बार संबोधित किया। 


 तब से लेकर आज तक इस देश का हर प्रधानमंत्री लाल किले से ही अपनी अवाम को संबोधित करता है। 


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