अजीत डोभाल : भारतीय शांति और सुरक्षा के सजग प्रहरी

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 प्रो. ( डॉ.) जसीम मोहम्मद

 नई दिल्ली (शब्द डिजिटल डेस्क ):-भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में देश की शांति और सुरक्षा के लिए अहर्निश सजग एवं तत्पर रहनेवाले अजीत डोभाल एक ऐसे प्रशासक व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने भारत की राष्ट्रीय चिंता और समाधान के लिए जितना कार्य किया है, उतना शायद ही कोई करता हो और जिसके विषय में लोग कम ही जानते हैं। वे खामोशी से अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा से पूर्ण करने में लगे रहते हैं। उन्हें अक्सर "भारत का जेम्सबॉन्ड" कहा जाता है, लेकिन एक काल्पनिक जासूस के विपरीत, डोभाल चुपचाप काम करना पसंद करते हैं, चुपचाप एक सुरक्षित और मजबूत राष्ट्र के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वाह करने में लगे रहते हैं। अजीत  डोभाल ने भारत के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय काम किया है, वह चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के समाधान की दृष्टि से किया गया था। स्थिति तनावपूर्ण थी और ऐसा लग रहा था कि संघर्ष अपरिहार्य है, लेकिन डोभाल की शांत और रणनीतिक सोच ने इस विवादित मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने में मदद की।


 डोभाल की एक प्रमुख विशेषता अंतरराष्ट्रीय सहयोग विकसित करने की  सूझबूझ और उनकी अकूत क्षमता है। उन्होंने दुनिया भर के अपने समकक्षों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए  हैं। ये गठबंधन एक वैश्वीकृत दुनिया में महत्वपूर्ण हैं, जो साझा खतरों का मुकाबला करने और स्थिरता को बढ़ावा देने में सहायता करते हैं। उनके नेतृत्व की सबसे बड़ी विशेषता परिवेश एवं परिस्थितियों को समझकर उनके प्रति उनकी दृढ़ता और सहानुभूति का मिश्रण है। वह एकनिर्णायक नेतृत्वकर्ता हैं, जो आवश्यकता पड़ने पर कठिन निर्णय ले सकते हैं। बावजूद इसके वह सुरक्षा के मानवीय तत्वों को भी भलीभाँति समझते हैं। कार्यविधि एवं व्यक्तित्व का यह संतुलन उन्हें खुफिया समुदाय में एक प्रभावी और सम्मानित प्रशासक बनाता है। डोभाल के मार्गदर्शन में भारत की खुफिया एजेंसियों ने आधुनिकीकरण के साथ महत्वपूर्ण कार्य किया है। अपने मिशन के लिए उन्होंने उन्नत तकनीक और नवीन माध्यमों को अपनाने का बीड़ा उठाया है। उनका यह दूरदर्शी दृष्टिकोण  राष्ट्रीय सुरक्षा के निरंतर विकसित होते परिदृश्य में भारत को आगे रखता है। डोभाल का प्रभाव पारंपरिक सुरक्षा उपायों से परे है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा में वित्तीय स्थिरता के महत्व को पहचानते हुए आर्थिक खतरों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस क्षेत्र में उनके प्रयासों ने भारत के आर्थिक हितों की रक्षा करने में बहुत सहायता  की है, जिससे देश के समग्र लचीलेपन और समावेशी स्वरूप में योगदान मिला है।


 एक रणनीतिकार के रूप में, डोभाल की किसी परिधि या सीमित घेरे के बाहर सोचने की क्षमता एक गेम-चेंजर के रूप में रही है। वह अक्सर जटिल समस्याओं को हल करने के लिए अपरंपरागत रणनीति अपनाते हैं। समस्या-समाधान में यह रचनात्मकता उन्हें एक दूरदर्शी प्रशासक और नेतृत्वकर्ता के रूप में अलग प्रतिष्ठित करती है। संकट की स्थितियों में उनका शांत व्यवहार उनके धैर्य और कार्यक्षमता को प्रदर्शित करता है। किसी भी दबाव में सदैव शांत रहने की उनकी क्षमता उनकी टीम में आत्मविश्वास पैदा करती है और प्रभावी एवं ठोस निर्णय लेने को सुनिश्चित करती है। यह विशेषता उच्च-दाँववाले वातावरण में महत्वपूर्ण है, जहाँ स्पष्ट सोच ही सब कुछ बदल सकती है। क्षेत्रीय गतिशीलता की उनकी गहरी समझ भारत की विदेश नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण रही है। पड़ोसी देशों के राजनीतिक परिदृश्यों के बारे में डोभाल की अंतर्दृष्टि ने सदैव रणनीतिक निर्णयों को रेखांकित किया है। इस क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता राष्ट्र के नेतृत्व के लिए एक मूल्यवान संपत्ति है।


 आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के मामले में डोभाल की विशेषज्ञता बेजोड़ है, अप्रतिम है। इस नज़रिए से उन्होंने कई सफल ऑपरेशनों का नेतृत्व किया है, जिससे आतंकवादियों को उनके रास्ते में ही रोका जा सका है और भारत को नुकसान पहुँचानेवाले तत्वों से सुरक्षित रखा जा सका है। शत्रुओं  की हर रणनीति  के विषय में उनकी गहरी समझ ने उन्हें भारत की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया है। उन्होंने भारत की खुफिया सेवाओं को आधुनिक बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दिशा में उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि सूचना एकत्र करने और उसका उपयोग करने का तरीका यथासंभव उन्नत हो, जिससे देश के लिए देश के अंदर और बाहर दोनों ही तरह के खतरों से स्वयं को बचाना आसान हो। उनके नेतृत्व में भारत का खुफिया सूचनातंत्र दुनिया में सर्वश्रेष्ठ सूचनातंत्र  में से एक बन गया है। सन् 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान डोभाल के नेतृत्व ने अपनी कार्यशैली की वास्तविक चमक दिखाई थी। यह ऑपरेशन एक स्पष्ट संदेश था कि भारत आक्रामकता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। डोभाल की सावधानीपूर्वक योजना इसकी सफलता का एक बड़ा हिस्सा थी, जो दुनिया को दिखाती है कि  आवश्यकता पड़ने पर भारत को अपनी रक्षा  बखूबी कर सकता है और करेगा। अजीत डोभाल का  प्रभाव केवल सैन्यमामलों तक ही सीमित नहीं है। वह एक कुशल राजनयिक भी हैं, जिन्होंने दुनिया भर के महत्वपूर्ण देशों के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं। इन संबंधों ने भारत की स्थिति को वैश्विकस्तर पर बहुत मजबूत बनाया है, जिसने देश को आर्थिक और राजनीतिक रूप से बहुत मदद की है।जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बदलनेवाले अनुच्छेद 370 को हटाने में डोभाल की भूमिका उनकी रणनीतिक सोच का एक और बड़ा उदाहरण है। उन्होंने यह अच्छी तरह समझा कि स्थिति कितनी संवेदनशील और जटिल थी। उन्होंने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि इस कदम को सुचारु रूप से लागू किया जाए, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाना है।


 देश के भीतर आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में डोभाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने उन क्षेत्रों में शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत की है, जो लंबे समय से अशांत होकर हिंसा से त्रस्त हैं। डोभाल के सतत प्रयासों से अब कई लोगों के लिए सामान्य जीवन को बहाल करने में बहुत सहायता मिली है। इन क्षेत्रों में उनके प्रयासों ने स्थिरता को सुनिश्चित करने का व्यापक प्रयास किया  है। डोभाल भारत की सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के भी प्रबल समर्थक रहे हैं। वह समझते हैं कि खतरों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए, सुरक्षा तंत्र के सभी हिस्सों को एक साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है। इस एकीकृत दृष्टिकोण ने भारत की सुरक्षा को और अधिक मजबूत और लचीला बना दिया है।वामपंथी-चरमपंथी उग्रवाद से निपटने में, डोभाल की रणनीतियाँ अत्यधिक प्रभावी रही हैं। उन्होंने परिवर्तन लाने के लिए बल और विकास परियोजनाओं के मिश्रण का उपयोग करते हुए माओवादी समूहों के प्रभाव को कमज़ोर करने का काम किया है। इस संतुलित दृष्टिकोण ने उन क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने में मदद की है, जो कभी पूरी तरह विद्रोहियों के नियंत्रण में थे। अपने अथक प्रयासों से डोभाल ने उनसमुदायों में आशा की किरण जगाई है।



एक मार्गदर्शक के रूप में, डोभाल ने भारत के खुफिया और सुरक्षा क्षेत्रों में अगली पीढ़ी के नेतृत्वकर्ताओं को अपने विशाल ज्ञानक्षेत्र  और अनुभवों से लाभान्वित किया है। अपने मार्गदर्शन के माध्यम से, उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उनके वहाँ नहीं रहने के बाद भी भारत की सुरक्षा बनी रहेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा में एक मजबूत अर्थव्यवस्था के महत्व के बारे में उनकी समझ  उनके काम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। वे उन सभी रणनीतिक निर्णयों में शामिल रहे हैं, जो भारत के आर्थिक हितों की रक्षा करते हैं और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में देश को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।समकालीन समय में, डोभाल ने भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयासों का भी नेतृत्व किया है। उन्होंने इस क्षेत्र में सुरक्षा का निर्माण करने के लिए काम किया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत डिजिटल दुनिया के साथ-साथ भौतिक दुनिया में भी सुरक्षित है।


 भारत के प्रति उनका समर्पण उनके अथक काम में स्पष्ट है। संकट के समय, वे अक्सर सबसे पहले पहुँचते हैं और सबसे आखिर में जाते हैं। वे राष्ट्रहित और देश को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। भारत के लिए अजीत डोभाल का योगदान बहुत बड़ा है, जिसमें कूटनीति, सैन्य रणनीति, खुफिया जानकारी और बहुत कुछ सम्मिलित है। हालाँकि उनकी अधिकांश भूमिका पर्दे के पीछे होती है, जो राष्ट्र की सुरक्षा और मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है, फिर भी अपने प्रयासों के माध्यम से, उन्होंने भारत की रक्षा सुनिश्चित की है और इसके भविष्य की सुरक्षा और समृद्धि के लिए मज़बूत आधारशिला भी स्थापित कर दी है। अजीत डोभाल वास्तव में आधुनिक भारत की सुरक्षात्मक रणनीतिकार के रूप उसकी वास्तविक ताक़त हैं, जो देश की सुरक्षा  और स्थिरता के पीछे अभेद्य चट्टान की तरह खड़े हैं। देखा जाए, तो अजीत डोभाल  भारतीय शांति और सुरक्षा के सजग प्रहरी के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़नेवाले सच्चे राष्ट्रभक्त और राष्ट्र - हितैषी व्यक्तित्व हैं। 


 (लेखक तुलनात्मक साहित्य में प्रोफेसर हैं और सहारा न्यूज़ नेटवर्क के पूर्व समूह संपादक हैं। ये विचार लेखक  के अपने है 

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