अलीगढ (शब्द डेस्क ): अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जैविक हथियारों से लड़ने के लिए एक मॉफ तैयार किया गया है.जिसकी मदद से भारतीय सेना के जवानों को अब दुश्मनों के जैविक हथियारों से कोई खतरा नहीं होगा.जी हाँ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रसायन विभाग द्वारा जैविक हथियारों से लड़ने के लिए एक मॉफ तैयार किया है. जो किसी भी तरह के जहरीले केमिकल और जहरीली गैस को निष्क्रिय कर देगा.
जानकारी देते हुए एएमयू के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद ने बताया कि यह एक तरह का केमिकल है. जिसे एएमयू के रसायन विभाग की टीम ने भारत सरकार और डीआरडीओ के लिए तैयार किया है. यह केमिकल युद्ध के समय दुश्मनों के जैविक हथियारों से भारतीय सेना को पूरी तरह से सुरक्षित रखेगा.इस केमिकल को तैयार करने के लिए एएमयू को प्रोजेक्ट मिला था जो अब पूरा हो गया है.
पूरे देश में सिर्फ एएमयू को चुना गया
प्रोफेसर शाहिद ने कहा कि जैविक हथियार (केमिकल वेपन) इस समय पूरी दुनिया की सेनाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. इन्ही से सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने एएमयू को प्रोजेक्ट दिया था. पूरे देश भर में सिर्फ एएमयू को इसके लिए चुना गया था और बतौर प्रोजेक्ट लीडर कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद अपनी टीम के साथ इस पर काम कर रहे थे.
प्रोफेसर शाहिद ने बताया कि भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से प्रोजेक्ट मिलने के बाद एएमयू ने मॉफ (मेटल ऑर्गेनिक फ्रेम वर्क) को खोज निकाला है. यह मॉफ किसी भी नर्व गैस को निष्क्रिय कर सकता है.हमने नर्व गैस, मस्टर्ड गैस, नर्व एजेंट और सल्फर कंपाउंड जैसे घातक गैसों से बचने के लिए यह कैमिकल तैयार किया है, जिसे मॉफ कहा जा रहा है.
आपको बता दें कि भारत सरकार को मॉफ रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. इस मॉफ यानि कि (मेटल ऑर्गेनिक फ्रेम वर्क) को तैयार करने में एसोसिएट प्रोफेसर मो. शाहिद के साथ प्रोजेक्ट जेआरएफ मो. यासिर खान, ट्रेनी उमरा अरशद भी साथ रहे. एसोसीएट प्रोफेसर शाहिद ने बताया कि भारत सरकार से यह प्रोजेक्ट उन्हें चार साल पहले मिला था.अब यह प्रोजेक्ट फाइनल स्तर पर है.
उन्होंने कहा कि इस कैमिकल का ट्रायल प्रयोगशाला में किया जा चुका है और डिटेल रिपोर्ट दो महीने पहले भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को भेजी जा चुकी है. इस शोध में कुल 170 शोध पत्र तैयार किए गए थे. जो मॉफ से जुड़े हुए हैं.
सैनिकों के सूट पर लगाया जाएगा लेप
मॉफ को तैयार करने वाले एएमयू के एसो. प्रोफेसर शाहिद ने बताया कि इस कैमिकल का ट्रायल प्रयोगशाला में हुआ है. पीपीई किट पर इसका लेप लगाकर इसका परीक्षण किया गया था, जो पूरी तरह से सफल रहा है. युद्ध के समय भी इस कैमिकल का इस्तेमाल इसी तरह से किया जाएगा.सैनिकों की रक्षा के लिए उनके सूट पर इस कैमिकल का लेप लगाया जाएगा. जवानों के सूट पर यह कैमिकल लेप के रूप में कई लेयर में लगाया जाएगा. इससे उनका मास्क, पूरा शरीर और त्वचा कवर हो जाएगा और उनके ऊपर नर्व गैस यानि कि कोई भी जहरीली गैस असर नहीं कर पाएगी.
एक सैनिक पर आएगा 800 का खर्च
एएमयू के प्रोफेसर ने बताया कि बहुत ही कम कीमत में इसे तैयार किया गया है. यह केमिकल बेहद सस्ता है और एक जवान के सूट पर इसका लेप लगाने में लगभग 700-800 रुपए के बीच ही खर्च आएगा.मेरा मानना है कि यह काफ़ी सस्ता होने के बावजूद बेहद असरदार है.