अलीगढ (शब्द मीडिया डेस्क ):सर सैयद ग्लोबल एकेडमी के तत्वावधान में “मुफ्ती अब्दुल कय्यूम: जीवन और सेवाएं” विषय गोष्ठी एएमयू ओल्ड बॉयज़ लॉज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अलीगढ़ के पूर्व मेयर मो. फ़ुरक़ान ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में मौलाना खालिद हमीद, शहर मुफ़्ती अलीगढ़, ने शिरकत की।
कार्यक्रम में डॉ. राहत अबरार (पूर्व निदेशक, उर्दू एकेडमी, एएमयू) विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत-ए-कुरआन से हुई। इसके बाद संचालन के फ़रायज़ डॉ. शारिक अकील ने अदा किए। उन्होंने मुफ़्ती अब्दुल कय्यूम की इल्मी, दीन और सामाजिक सेवाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के आरंभ में इंजीनियर फ़िरोज़ अहमद और डॉ. कुनवर आरिफ़ अली खान (निदेशक, सर सैयद ग्लोबल एकेडमी) ने कार्यक्रम के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि मुफ़्ती अब्दुल कय्यूम ने अपनी पूरी ज़िंदगी दीन और नैतिक मूल्यों की शिक्षा के प्रसार तथा सामाजिक एकता के लिए समर्पित कर दी थी।
मुख्य वक्ताओं में डॉ. आज़म मीर खान (सचिव, एएमयू ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन), मौलाना मोहम्मद अमान, प्रोफेसर मसूद अनवर अलवी (प्राचार्य, विमेन्स कॉलेज एएमयू), राहत सुल्तान और गुलज़ार अहमद ने अपने विचार रखते हुए मुफ़्ती अब्दुल कय्यूम की सादगी, विद्वता और इंसानियत के प्रति समर्पण को श्रद्धांजलि दी।
अध्यक्ष मो. फ़ुरक़ान ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि मुफ़्ती अब्दुल कय्यूम अलीगढ़ की एक बड़ी धार्मिक और शैक्षणिक हस्ती थे, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी क़ौम और समाज की भलाई में लगा दी।
मुख्य अतिथि मौलाना खालिद हमीद ने कहा कि मुफ़्ती साहब की ज़िंदगी हम सबके लिए मिसाल है। उनकी शिक्षाओं और सेवाओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना ज़रूरी है।
डॉ. राहत अबरार ने कहा कि मुफ़्ती अब्दुल कय्यूम ने न सिर्फ़ दीन की शिक्षा को आम किया, बल्कि समाज में भाईचारा और आपसी सद्भाव का संदेश भी दिया।
कार्यक्रम के अंत में मो. अहमद शैवन ने धन्यवाद ज्ञापन पेश किया और सुझाव दिया कि इस कार्यक्रम को हर साल नियमित रूप से आयोजित किया जाए ताकि नई पीढ़ी मुफ़्ती अब्दुल कय्यूम के मिशन और विचारों से परिचित हो सके।
यह सेमिनार धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक दृष्टि से एक यादगार आयोजन साबित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों, छात्रों और गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।
