आतिफ उर रहमान
अलीगढ (छर्रा ):सर्व समाज की शिक्षा के लिए नवाबो ने छर्रा में एक स्कूल बनाया था जिसका मकसद था आस पास के बच्चो में शिक्षा की रौशनी देना इस स्कूल की स्थापना क़स्बा छर्रा के मोहल्ला किला में 1893 में हुई थी
इसकी स्थापना गांव हबीब गंज के नवाब रहे हबीब उर रहमान खान शेरवानी ने की थी शेरवानी स्कूल ने देश विदेश में ख्याति प्राप्त की लेकिन आज इसकी हालत खस्ता है और इमारत खंडहर में तब्दील होती जा रही है बताया जाता है की स्कूल की स्थापना के समय 15 से 20 कमरों का एक छात्रावास भी बनाया गया था जिससे दूर दराज़ से आये बच्चो को वहाँ रहने की सुविधा मिल सके
अलीगढ में 1893 अगस्त को शेरवानी हाई स्कूल छात्रावास / बोर्डिंग की शुरूआत् की गई ,इस स्कूल में फीस ना दे सकने वाले छात्रों की शिक्षा व रहना मुफ्त था -
हबीबूर रहमान शेर वानी ,नवाब मुजम्मिल उल्लाह खान व नवाब यूनुस खान शेरवानी ने इस की इमारत् बनवायी व स्कूल के चलने का इंतज़ाम् किया !
1925 से 1949 में देहांत तक सचिव् व प्रमुख दान करता रहे !
इस स्कूल में विदेशी छात्र भी रहे !
किसी भी समाजिक् सेवा यहाँ तक के राजनीती को भी कमाने का स्रोत कभी नहीं बनाया !
1949 के बाद आर्थिक हालात् की वजह से इसकी भव्यता खत्म हुई !
यहाँ के छात्रों में स्वतंत्रता सेनानी व 1920 में गो हत्या के खिलाफ कई आंदोलन करने वाले जनाब तसद्दूक अहमद खान शेरवानी , स्वतंत्रता संग्रान सेनानी व पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश निसार अहमद खान शेरवानी , पूर्व विधायक - पूर्व वाईस चांसलर् - प्रो चांसलर- पूर्व कोषाध्यक्ष अलीगढ मुस्लिन विश्व विद्यालय व पूर्व कोषाध्यक्ष ( 50 वर्ष ) श्री गांधी आई हॉस्पिटल् जनाब ओबैदूर रहमान खान शेरवानी रहे !
समाज् को शिक्षित करने की ज़िम्नेदारी से कभी परिवार पीछे नहीं हटा व शिक्षा या किसी भी अन्य समाज् सेवा से कोई आर्थिक लाभ नहीं लिया बल्कि स्वयं खर्च किया !लेकिन आज शेरवानी स्कूल अपने अतीत को देखकर रो रहा है